मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
जिंदगी.. सारी इस वहम ने ले ली।
मरहम की ज़रूरत नहीं है मुझको,
जख्म देखकर कम से कम हाल तो पूछ लिया करो।
मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा है,
ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ।
तेरी याद क्यों आती है, ये मालूम नहीं,
लेकिन जब भी आती है बहुत अच्छा लगता है।
उम्र तक कट गयी लोगों को मनाते हुए,
अब इरादा सबसे रूठ जाने का है।
चुन चुन के दे रहे है दर्द यूँ दुनिया वाले,
गिन गिनके जैसे ली हो ख़ुशी हर किसीसे हमने।
जब जब आपके ख़ास लोग दूर होने लगे,
समझ लेना की उनकी जरूरतें पूरी हो चुकी है।
ना जाने कौन सा नमक है इन आँखों के पानी में,
बरसती तो चेहरे से है और जलन दिल में होती है।
वो दर्द ही क्या जो जबान से अदा हो,
दर्द तो वो होता है जो जबान को खुलने ही ना दे।
मैंने दो तरह के लोगों से धोखा खाया है,
एक जो मेरे अपने थे और दुसरे वो जो मेरे बहुत अपने थे।
The post 2 Line Shayari, Mohabbat use bhi bahut hai appeared first on Shayari, Hindi Shayari.
No comments:
Post a Comment