Monday 16 October 2017

2 Line Shayari, Koi nahi yaad karta

कोई नहीं याद करता वफ़ा करने वालो को,
मेरी मानों बेवफा हो जाओ जमाना याद रखेगा।


घमण्ड से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं,
कुछ रिश्ते.. कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता।
गुलशन तो तू है मेरा बहारों का मैं क्या करूँ,
नैनों मैं बस गए हो तुम नज़ारों का मैं क्या करूँ।
तुझे तो प्यार भी तेरी ओकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर तो देखो,
सदियों तक याद करते रहोगे तुम भी जनाब।
दर्द गूंज रहा है मेरे दिल में शहनाई की तरह,
शायद मेरे जिस्म की मेरी मौत से सगाई हो रही है।
कुछ लोग तो इसलिये अपने बने है अभी,
की मेरी बरबादियाँ हो तो दीदार करीब से हो।
चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुझे सारी उम्र बस तू,
कभी जिसे भूल न पाए वो चाहत यक़ीनन हमारी होगी।
वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त,
मजा तो तब है.. जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले।
हम समझदार भी इतने है की उनका झूठ पकड़ लेते है,
पर उनके दीवाने भी इतने है की फिर भी सच मान लेते है।

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