आओ दिवाली मनाये हम
खुशियों का मौका हैं खुशिया मनाये हम
कभी धर्म, कभी जाति, कभी भाषा के नाम पर लड़े हम
फिर भी कहते हो दिवाली हैं, आओ हाथ मिलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
जला के औरो के घरो को इस दिवाली में
किस मुँह से अपने.. घरो को सजाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
इस दिवाली सोया किसान का घर एक साथ खा के ज़हर
हमे इससे क्या, आओ बच्चो को अपने मिठाई खिलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
कोई मराठी, कोई पंजाबी, कोई तमिल, तो कोई बंगाली
आओ निकले इस दिवाली एक हिंदुस्तानी ढूंढ लाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
मारा गया कल मुंबई में एक माँ का लाल नाम जिसका राहुल था
छोड़ो यारो उस अजनबी की मौत पे क्यों मातम मनाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
सो रहा हैं देश मेरा, घायल आज ओढ़े हुए कफ़न
आओ यारो दीपक नहीं, उसकी चिता जलाये हम
आओ दिवाली मनाये हम
खुशियों का मौका हैं खुशिया मनाये हम
~ Sajid
The post True But Sad Diwali Poems on India appeared first on Shayari.
No comments:
Post a Comment