Saturday 21 October 2017

2 Line Shayari, Mere saare sawal

मेरे सारे सवाल होंठों पर ही रह जाते है,
और तुम सारे ज़वाब आँखों से दे जाते हो।


न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नही सकते, उसी के हो रहे हैं हम।
होंठो के बीच ना रखा करो तुम कलम को,
गजल नशीली होकर लडखडाती हुई निकलती है।
वसीयत लिखनी है अपनी मोहब्बत की मुझे,
बस आखरी साँस भी सनम के नाम करनी है।
वफादारी का असली मतलब उन लोगों से पूछो,
जो किसीको सालों से एकतरफा प्यार करते है।
उम्र हुई पर अब तक ना समझे तुम,
मोहब्बत और दर्द नाम अलग है पर बात एक ही है।
तुम वो तारा हो मेरे लिए जिसके,
टूटते ही मेरा सारा आसमान बिखर जाता है।
मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है,
तेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार है।
सुलग़ती ज़िन्दगी से मौत आ जाए तो बेहतर हैं,
हम से दिल के अरमानों का अब मातम नही होता।
चाहे दुनिया वाले कितना भी नजरअंदाज कर ले,
पर मोहब्बत नजरअंदाज करें तो जान निकल जाती है।

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