Friday 13 October 2017

2 Line Shayari, Zalim ne dil us waqt todha

ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए।


बहुत मुश्किल है बंजारा मिजाजी,
सलीका चाहिये जनाब आवारगी में।
सच ये हे बेकार हमें ग़म होता हे,
जो चाहा था दुनिया में कम होता हे।
जो ये तीर फेंकते हो तुम, बेसबब जमाने पर,
ये भी याद रख लेना, तुम भी हो निशाने पर।
सितम तो ये है की हमारी सफों में शामिल हैं,
चराग बुझते ही खैमा बदलने वाले लोग।
तोड़ दिया इन कंपनी वालो ने ख़्वाब तुझे पाने का,
कहते है तेरा नंबर भी मेरी पहुंच से बाहर है।
रूबरू आपसे मिलने का मौका रोज नहीं मिलता,
इसलिए शब्दों से आप सब को छू लेता हूँ।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते,
रोको अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश हो रही है।
हजारों चेहरों में, एक तुम ही थी जिस पर हम मर मिटे,
वरना, ना चाहतों की कमी थी, और ना चाहने वालो की।
सूनो… एक साँस भी पूरी नहीं होती.. तुम्हें सोचे बिना,
तुमने ये कैसे सोचा कि पूरी जिंदगी गुजार लेंगे हम तेरे बिना।

The post 2 Line Shayari, Zalim ne dil us waqt todha appeared first on Shayari, Hindi Shayari.

No comments:

Post a Comment