Monday 30 October 2017

2 Line Shayari, Lakar tere kareeb

लाकर तेरे करीब मुझे दूर कर दिया,
तकदीर भी मेरे साथ एक चाल चल गई।


कैसे कह दूँ कि बदले में कुछ नहीं मिला,
सबक भी कोई छोटी चीज तो नहीं है।
दिल की बात दिल में रह जाती है हर शाम,
रूठने और मनाने में वक़्त गुजर जाता है।
ऐब भी बहुत हैं मुझमें, और खूबियां भी,
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें।
बिकने वाले और भी हैं जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते हैं।
गर सच्ची हो मोहब्बत तो खत्म होना मुश्किल है,
नशा कितना भी करलो भूलना नामुकिन है।
उसकी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप्पी
वो अपने अंदाज़ में चुप, मैं अपने अंदाज़ में चुप।
ये जो तुम मुझसे बात नहीं करते,
ये नफरत की निशानी है या प्यार हो जाने का डर।
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ,
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था।
हाथ थामे रखना, दुनियाँ में भीड़ भारी हैं,
खों ना जाऊ कही मैं, ये जिम्मेदारी तुम्हारी हैं।

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