Sunday 15 October 2017

2 Line Shayari, Hu pareshan main

हूँ परेशान मैं ये कहने के लिये,
तू ज़रूरी है मुझको ज़िन्दा रहने के लिये।


एक बार निगाहे उठाकर देख तो लो,
हम नही चाहते हमे कोई और देखे।
मजबूरियों से लड़कर रिश्तों को समेटा है,
कौन कहता है मुझे रिश्तें निभाने नहीं आते।
इससे ज़्यादा तुम्हें कितना क़रीब लाऊँ मैं,
कि तुम्हें दिल में रख कर भी दिल नहीं भरता।
यकीन जानो ये महोब्बत इतनी भी आसान नहीं,
हज़ारों दिल टूट जाते हैं एक दिल की हिफाज़त में।
मैंने पूछा कैसे जान जाते हो मेरे दिल की बातें,
वो बोली जब रूह में बसे हो फिर ये सवाल क्यूँ।
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
काश की हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये।
खुद को वो चाहे लाख मुकमल समझे,
लेकिन मेरे बिना वो मुझे अधूरा ही लगती है।
काश इक दिन ऐसा भी आये हम, तेरी बाहों में समा जाएँ,
सिर्फ हम हो और तुम हो और, वक्त ही ठहर जाए।
मुहब्बत होंठों से नहीं, उनसे निकली मीठी बातों से है..
क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा, उसकी भोली आँखों में है।

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