Monday, 9 October 2017

2 Line Shayari, Do kush mohabbat ke

दो कश मोहब्बत के क्या लिये,
जिंदगी ही धुँआ धुँआ हो गई।


यादें बनकर जो रहते हो साथ मेरे..
तेरे इतने अहसान का सौ बार शुक्रिया।
शायरी समझते हो जिसे तुम सब,
वो मेरी किसी से अधूरी मुलाकात है।
तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी​,
जा कर पूछ मेरी माँ से ​ कितने लाडले थे हम।
प्यार करना सिखा है नफरतो का कोई ठौर नही,
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही।
पास आने की ख्वाइशें तो बहुत थी मगर,
पास आकर पता चला मोहब्बत फासलों में है।
सब कुछ वैसा ही है कुछ नही बदला,
बदला है तो बस नजरिया एक दूसरे को देखने का।
तेरे लहजे में लाख मिठास सही मगर,
मुझे जहर लगता है तेरा औरों से बात करना।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता,
तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी।
खुद हैरान हूँ मैं, अपने सब्र का, पैमाना देख कर,
तूने कभी याद ना किया, और मैंने कभी इन्तजार नहीं छोड़ा।

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