Tuesday 20 November 2018

Sad Shayari in Hindi, Zara zara roi aankhen

ज़ार-ज़ार रोई आँखें ठहर गई दिल की धड़कन,
मेरे अपनों में मेरी औकात का मंज़र देखकर। 💔

ऐ ज़िन्दगी बार बार न रुलाया कर..
हर किसी के पास चुप कराने वाला नहीं होता। 💘

खव्वाहिश तो न थी किसी से दिल लगाने की पर,
किस्मत में दर्द लिखा है मोहब्बत कैसे न होती। 💔

बात वफाओं की होती तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी कुछ कर न सके। 💘

वोह कहते है पत्थर दिल रोया नहीं करते,
उन्हें क्या खबर पानी के चश्मे पत्थरों से निकलते है।💔

तेरी जिद से तंग होकर इस्तीफा देने चला है ये दिल,
कोई इसे समझाओ की इश्क़ में फिर से चुनाव नहीं होते। 💘

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